मोटापे से बचे, वरना चलना-फिरना तक हो जायेगा कठिन !

0 Gautam Soni

 

मोटापे से बचे, वरना चलना-फिरना तक हो जायेगा कठिन !

        मोटापा बहुत बुरी चीज हैं I मोटापा अभिशाप हैं I मोटापा व्यक्ति को कहीं का नहीं छोड़ता I मोटापा तो आदमी को चलने-फिरने योग्य भी नहीं रहने देता I मोटापा केवल मोटापा नहीं, यह तो अनेक रोगों का जन्मदाता हैं I जितने रोग मोटापा के कारण झेलने पड़ते हैं, अन्य किसी कारण से नहीं I मोटापा स्वस्थ नहीं रहने देता I मोटापा रोगी बनाकर रख देता हैं जो व्यक्ति निरोगता चाहता हैं , उसे प्रयत्न कर अपने शरीर से मोटापे को हटाना, भगाना होगा I

कारण

        मोटापा आ जाने के कारण भी हो सकते हैं, मगर इस रोग का मुख्य कारण हैं हमारा खानपान I यदि इतना अधिक खा ले, जो हमारे शरीर की आवश्यकता से काफी अधिक हैं तो शरीर पर मांस चढ़ता जाएगा I चर्बी बढ़ती जाएगी I भार की वृद्धि रोकी नहीं जा सकेगी I शरीर मोटा होता जाएगा I बस फिर क्या है, कष्ट ही कष्ट झेलते जाइये I

                औषधियाँ 

मोटापा आ ही जाये तो इससे छुटकारा पाने के लिए आज कल अनेक औषधियाँ उपलब्ध रहती हैं I इनके क्रय पर काफी पैसा खर्च होता हैं I इनको खाने का लीये अनेक शर्ते भी रहती हैं यदि हम इन दवाइयों से अपने भार को कम भी कर लें, मोटापा घटा भी लें तो भी इन दवाइयों कस ‘साइड इफ़ेक्ट’ तो झेलने ही पड़ेंगे I इनके कारण कोई और रोग भी पनप सकते हैं I दवाइयों के शरण में न ही जाना पड़े, तो अच्छा I अतः अपने खान-पान के तरीके को बदलें I सीमित खाए I जितना एक व्यक्ति के लिए जरुरी हो उतना ही खाएं I डायटिंग पर मत जाये I मगर कम खाए I साथ में सैर, व्यायाम, योगासन थोड़े-बहुत जरुर करें I भार कम होगा I मोटापा अवश्य घटेगा I

                दुःख की बात

हमारे गलत खान-पान की वजह से ही शरीर का भार बढ़ता हैं I शरीर को जितना चाहिए, उससे बहुत ज्यादा  डकार जाने वाले व्यक्ति  का भार  बढ़ता हैं I जैसा खाना चाहिए, वैसा न खाकर, गलत खाकर  हम अपना वजन बढ़ा लेते हैं I  जिस खानपान के कारण भार बढ़ता हैं, उसी खानपान को हम आगे भी रोगी को दिए जाते हैं I इससे मर्ज़ घटता नहीं बल्कि बढ़ता जाता हैं I हम भोजन सम्बन्धी जो दोष हैं, उस दोष को दोहराते हैं I और भार घटाना चाहकर भी बढ़ाते रहते हैं, यह बड़े दुःख की बात हैं I इस प्रकार हम अपने मोटापे की वृद्धि कर बैठते हैं I

                घातक रोग

मोटापा एक घातक रोग हैं I यह गरीब देशो में कम तथा अमीर देशो में अधिक होता है I

जिन देशो में मेहनत अधिक करनी पड़ती I कमाई कम होती हैं I भोजन तथा अन्य खाद्य-पदार्थ पेट भरने को नहीं मिलते I वहां मोटापे की समस्या होना कम ही होना संभव हैं I

        अमेरिका तथा इंग्लैण्ड तथा कुछ अन्य पश्चिमी देश जो विकसित हैं या कुछ विकसित हो रहे हैं, ऐसे देशो में यह अभिशाप बनकर उन सबकी नींद हराम कर रहा हैं भारत जैसे देश में, जहाँ बहुत से लोगो को पेट भरने के लिए काम नहीं I कमाई नहीं I पूरी रोटी नहीं I वहां मोटापे की समस्या इतनी गंभीर नहीं I

        फिर भी, आज भारत में भी ऐसे लोग काफी ही गए हैं –

1.        जिनका अपना कारोबार बहुत अच्छा हैं I वे जितना चाहे, जो चाहे, जब चाहे खा सकते हैं I अधिक खाने के कारण उनको मोटापा झेलना पड़ता हैं I

2.        भारत में कई बार भुखमरी फैल चुकी हैं I अनाज तथा पानी की कमी होती रहती हैं I फिर  भी जिन्हें अधिक चिकन, तला, मिर्च-मसालो वाला, मोटापा लेन वाला भोजन मिलता हैं, वे अपना हाथ पीछे नहीं खींचते I रुकते नहीं I बस खाए ही जाते हैं I इससे उनका शरीर बिन किसी स्केल के फैलता बढ़ता चला जाता हैं I

3.        भारत में तो हालत अच्छी हैं, अमेरिका जैसे देशों में 20 से 25 प्रतिशत लोग मोटापे के शिकार हैं I पुरुष तथा नारी, सभी मोटापे के शिकार हैं I

4.        ब्रिटेन की भी यही हालत है I वहां डॉक्टरो का काफी समय मोटापे वाले व्यक्तियों का इलाज करने में लग जाता है I ऐसा समाचार-पत्रों तथा मैग्जीन्स से पढ़ने को मिलाता है I ब्रिटेन में यह समस्या नहीं, बल्कि संकट माना जाने लगा हैं I इस संकट से निपटने के लिए बड़ा भारी समय तथा पैसा व्यय हो रहा है I फिर भी यह समस्या काबू से बाहर चल रही हैं I संकट गहराता जा रहा हैं I

5.        ऐसे लोगो का इलाज करते समय डॉक्टर उन्हें कम खाने की सलाह देते हैं I चार्ट बनाकर देते हैं I कब क्या खाना चाहिए, ऐसा बताते है I मगर खाने के प्रलोभन को न रोक पा सकने के कारण लोग दवाइयां भी खाएं जा रहे हैं, साथ में ओवरईटिंग की आदत को भी पाले जा रहे हैं I

क्यों होते हैं मोटे ?

1.        शरीर को जितना भोजन चाहिए I उससे अधिक खाते हैं I अधिक खा तो लेते हैं, मगर जीतनी कैलोरी पेट में सुपुर्द करते हैं उतनी जला नहीं पाते I उतनी खर्च नहीं कर पाते I इस प्रकार मांस, चर्बी बढ़ती जाती हैं I भर में वृद्धि होती रहती हैं I

2.        खाए जाना, मगर शारीरिक श्रम न करना भी मोटापे का कारण हैं I यदि कोई खूब खाए, खूब व्यायाम करे, खूब श्रम करे, शरीर से खूब काम ले तो वज़न में वृद्धि नहीं होगी I मोटापा नहीं आयेगा I

लापरवाही

कुछ लोग अपने बढ़ते भार से, अपने शरीर से मोटा होने से पूरी तरह बेखबर रहकर,लापरवाही

करते जाते हैं I खाते ही जाते हैं I मगर जब स्थिति संकटपूर्ण हो जाती है, आपे से बाहर हो जाती हैं,

संभालनी मुश्किल होती हैं, तब जागते तो हैं, मगर बहुत देर हो चुकी होती हैं I उनकी लापरवाही ही

उन्हें मोटा बनाकर दयनीय स्थिति मेंपहुँचा देती हैं I

                चलना-फिरना मुश्किल

मोटे व्यक्ति के लिए तो चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता हैं I वह चंद कदम उठाते ही थक जाता है I उनकी साँस फूल जाती हैं I वह अपना हल्का-सा ब्रिफ्केस लेकर तो दस कदम भी नहीं चल सकता I इससे पहले ही हताश हो जाता हैं I साँस फूल जाती हैं I बगलें झांकते हुए मदद की तलाश करता हैं I लिफ्ट ढूंढ़ता हैं I अपने मोटे शरीर के भार को ढो नहीं सकता I यदि उसके शरीर में मोटापा न होता तो उसे कोई दिक्कत नहीं होती I

                एक भ्रम

                 

            कुछ लोग इसलिए अधिक खाए जाते हैं ताकि इससे उन्हें शक्ति प्राप्त होगी I वह ताकतवर बन जायेंगे I वे मोटे व्यक्ति को अधिक बलवान मानते हैं I मगर ऐसा होता नहीं I यह उनका भ्रम होता हैं I

            यदि कोई व्यक्ति अधिक खुराक ले, जितनी अधिक कैलोरीज खाए, उतनी भी खत्म करे I प्रयोग में लाये I खर्च करता जाये I उन कैलोरिज़ को अपने परिश्रम से जलाता जाये व्यायाम करता रहे I ऐसे में तो उसे अवश्य ताकत प्राप्त होगी I मोटापा नहीं I शरीर गठा हुआ हो जायेगा I पुष्ट-सा I वरना खा-खाकर तो मोटा ही होना होता हैं I

            वास्तव में, मोटे व्यक्ति शक्तिशाली नहीं, बहुत कमज़ोर होते हैं I जितना शरीर सुद्रिड होगा, उतना ही ताकत वाला भारी काम करने, अधिक चलने, चढ़ाई चढ़ने से भी नहीं घबराएगा I

    क्यों होते हैं मोटे व्यक्ति कमजोर ?

            स्लिम, सामान्य शरीर वाले व्यक्ति अधिक ताकत वाले होते हैं I मोटे व्यक्ति उनसे काफी कमजोर होते हैं I इनका कारण हैं –

1.        शरीर को ढोने के लिए जितना परिश्रम सामान्य या स्लिम को करना पड़ता हैं, मोटे व्यक्ति को उससे काफी अधिक परिश्रम कर, अपनी शती खर्च करनी पड़ती हैं I यही उसके थकने का तथा कमजोरी का कारण बनती हैं I

2.        मोटे व्यक्ति के शरीर के हर अंग को सामान्य व्यक्ति के अंगो से अधिक कार्य करना पड़ता है I

3.        मोटे व्यक्ति के हृदय को केवल शारीरिक अवयवो तक ही रक्त नहीं पहुँचाना होता, इसे तो बड़ती हुई चर्बी के कार्यो के कोषों की भी जरुरत पूरी करनी होती हैं I  वहां तक भी रक्त भेजना होता हैं I अधिक मेहनत करनी पड़ती हैं I

4.        हमारे मोटे शरीर को फेफड़ो को भी और अधिक वायु चर्बी की तह के लिए भेजनी होती हैं I अतः यह भी कमजोरी का कारण बनता हैं I अधिक शक्ति जी व्यय हो जाती हैं I

5.        ऐसे शरीर के गुर्दों का कर्य भी बढ़ जाती हैं I उन्हें भी अधिक पेशाब को शुद्ध करना, छानना पड़ता हैं I इससे शरीर में कजोरी आती हैं I

6.        ऐसे मोटे व्यक्तियो को सोने में, नींद में भी अधिक शक्ति खर्च करनी पड़ती हैं I कमजोरी का कारण बनती हैं I

7.        चूँकि मोटे लोग अधिक खाते हैं, अतः उस व्यक्ति की पाचन-क्रिया को भी अधिक कार्य करना पड़ता हैं I

8.        खाए हुए भोजन को पचाने के लिए आंतो को भी सामान्य व्यक्ति से अधिक परिश्रम करना पड़ता हैं I

9.        मोटापा ऐसी नामुराद चीज है जो व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही शक्तियों को कम करने में लगा रहता हैं I

10.     इन्ही कमजोरियों और कारणों से मोटे व्यक्ति की जीवनी शक्ति में भी कमी आती हैं I

11.     मोटे व्यकितियो को  एक और मुस्किल झेलनी पड़ती हैं I उनकी रोगों से लड़ने, संघर्ष करने, रोकने की शक्ति कम हो जाती हैं I

 

मोटे व्यक्ति के रोग

        मोटापा स्वयं ही एक बड़ा रोग हैं I फिर भी, इनके कारण अन्य रोग पैदा हो जाते हैं I

1.        हृदय रोग हो जाना तो आम बात हैं I शायद ही कोई मोटा व्यक्ति हो, जो हृदय रोग से बचा रहता हो I

2.        मोटा व्यक्ति अपनी अधिकांश शक्ति अपने भार ढोने में खर्च कर देता हैं I अतः वह कमजोर बना रहता हैं I

3.        जोड़ो का दर्द अक्सर रहता हैं I

4.        ऐसे व्यक्ति को कैंसर भी हो जाना आम बात हैं I

5.        हाई ब्लड प्रेशर भी मोटे व्यक्ति का जैसा निजी रोग हो I

6.        कुछ मोटे व्यक्ति अपना ध्यान न रखने के कारण मधुमेह के शिकार हो जाते हैं I

खानदानी रोग

1.        कुछ डॉक्टर, चिकित्सक, शरीर विशेषज्ञ  मोटापे को खानदानी रोग मानते हैं I उनका कहना हैं की मोटे व्यक्ति की संताने भी मोटे होगी I मगर यह हर केस में सही नहीं मन गया I

2.        मोटे व्यक्ति संतान भले ही मोती हो, महार जो भी कोई, चाहे उसका पिता दुबला क्यों न हो, सामान्य से अधिक कैलोरी वाला भोजन किया करता हैं I

3.        अदि कोई भी व्यक्ति अपने आहार पर नियत्रण कर संतुलित भोजन करने लगे, उसको मोटापा नहीं होगा I यहाँ वह वंशानुगत परंपरा को भी फेल कर सकता हैं I

कैसे बचें इससे

        अतः मोटापे को घटने के लिए, शरीर के फैलव को नियंत्रण में रखने के लिए, हमें संतुलित

सीमित आहार लेना चाहिए I हर समय खाते नहीं रहना चाहिए I केवल उतना ही खाएं जो हमरे शरीर

की आवश्यकता होती हिं I उतनी ही कैलोरी का सेवन करे जीतनी हमारी आयु, हमारे शारीरिक कार्य,

हमारे लिंग तथा हमारी आवश्यकता के अनुरूप हो I जितना हम पचा सके, उतना ही खाएं I जो व्यक्ति

खाता जाएगा, मगर शरीर से काम न लेगा, वह मोटा होगा ही I

अब फायदे जाने मोटापे के

        अजीत समाचार, जालंधर में 25/10/2001 को एक छोटा सा आइटम प्रकाशित हुआ I उसे इस

लेख के लिए उपयोगी मानते हुये यहाँ ‘साभार’ दिया जा रहा हैं I  यह आइटम ‘फायदे भी हैं मोटापे के’

शीर्षक से प्रकाशित हुआ I

        प्रायः मोटापे को स्वास्थ्य और सुन्दरता के लिए खतरनाक ही समझा जाता हैं पर वैज्ञानिको

के मुताबिक मोटापा शरीर के कार्यो को सुचारू ढंग से करने में काफी मदद करता हैं तथा शरीर में अहम्

भूमिका निभाता हैं I वैज्ञानिको के अनुशार मोटापा शरीर की हड्डियों तथा अंगो की सुरक्षा करने में

सहायक होता हैं I

        यह हार्मोन तथा प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली को शरीर में सही ढंग से प्रवाहित करने में न केवल

मदद करता हैं, बल्कि औरतों में प्रजनन-शक्ति को भी व्यवस्थित करता हैं I

        ‘रॉयल लंदन मेडिकल स्कूल ’ के खोजकर्ता साइमन कोप्पैक के मुताबिक मोटापा शरीर का

अंग हैं I इसे हम कुछ गुर्दे की भांति समझ सकते हैं I एक अध्ययन के अनुसार मोटापा एक महत्वपूर्ण

हार्मोन पैदा करता हैं जिसे ‘लेप्टिन’ कहते हैं I

        यह हार्मोन दिमाग से संपर्क स्थापित करता हैं तथा दिमाग को शरीर के उर्जा स्तर के कार्यों

की जानकारी देता हैं I यह हार्मोन  संक्रमण को रोकने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता हैं I जब शरीर की

प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाये तो शरीर हार्मोन का इस्तेमाल कर सकता हैं I

        देखा आपने ! नई खोज-खबर ने मोटापे से होने वाली हानियों को तो माना ही हैं, मगर इससे

होने वाले कुछ फायदो को भी गिना दिया हैं I मगर हम समझते है कि हानियाँ बहुत-बहुत ज्यादा हैं I

एक-दो लाभ उठाने के लिए बहुत सी हानियों को तो गले नहीं लगाया जा सकता I अतः प्रयत्न हो कि

हम मोटापे से बचे रहे I इसी में हमारी तथा हमारे शरीर की भलाई हैं I


 

 

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