दुबलापन भी है एक समस्या, कैसे निपटें इससे ?
मोटापा तो एक समस्या तो हैं
ही I यह अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों में तो गम्भिर चेतावनी बनकर सामने आ
खड़ी हुई हैं I वहा का हर पांचवां व्यक्ति जरूरत से ज्यादा मोटा हैं I यह उसके गलत
खान-पान व रहन-सहन के कारण हैं I वहा के डॉक्टरो अपनी प्रेक्टिस का बहुत-सा हिस्सा
मोटे लोगो की समस्याए हल करने में लग जाता हैं I मोटापे के कारण जो अन्य रोग हो
जाते हैं, उनको भी तो ठीक करना पड़ता हैं I मोटे लोग अपने उस खान-पान को फिर से खाए
जाते हैं जिसके कारण वे मोटे हुए हैं I दवा का खाना भी बेकार हो जाता हैं I पैसे
का खर्च और समय की बरबादी सो अलग I
यह भी समस्या
इसी प्रकार दुबलापन या पतला होना भी एक समस्या हैं I आदमी चला
जा रहा होता हैं, पता ही नहीं की यह आदमी
हैं या किसी लाठी पर पेंट, कोट और हैट टांगा हुआ हैं, कोई पर्सनालिटी नहीं I कपड़े
पहनकर दरवाजे के पास खड़ा हो तो लगता हैं आदमी नहीं, हैंगर पर कपड़े लटका दिए गए हैं
I
देशी समस्या
या दुबलेपन की समस्या विदेशी कम है, देशी अधिक I भारत जैसे देश में जहाँ
खाने-पीने की कमी हैं I पेट भरकर खाना नहीं मिलता I परिश्रम अधिक करना पड़ता हैं I
खुरख कम हैं I यह तो मोटे लोग तो कम हैं I पतले अधिक I आज हम पतले व्यक्ति के शरीर
का भार बढ़ाने, उसी देह पर मांस-चर्बी चढ़ाने की बात करते हैं I ऐसे व्यक्तिओं का
दुबलापन खत्म करने की तरकीबें सुझाते हैं I
हीन-भावना
यह तो स्पष्ट हैं की मोटापा गलत खान-पान व रहन-सहन का परिणाम
हैं I ठीक इसी तरह पतलापन भी कम तथा कमजोर भोजन खाने का नतीजा है I कुछ लोग तो
इतने दुबले पतले होते हैं की वे सामने वाले को प्रभावित नहीं कर सकते I अपनी कमजोर
पर्सनालिटी के कारण हीन-भावना से घिरे चले जाते हैं I इस तरह से न तो वे अपने
अधिकारी की नज़रो में कुछ हो पाते हैं तथा न ही अपने अधीन लोगो से काम ले सकते हैं
I उनकी हीन-भावना का यह आलम हैं की सौ दुबले व्यक्तियों में से 75 प्रतिशत तो अपने
कार्य-क्षेत्र में सफल भी नहीं हो पाते I सदा पिछड़ते चले जाते हैं I ऐसे हालत का
उनके जीवन पर, उनके परिवार पर, उनके सामाजिक स्तर पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं I
हीन-भावना नहीं
अतः जरुरी हैं कि पतला व्यक्ति हीन-भाव न पाले I हिम्मत न हारे I
प्रयत्न करे कि उसका स्वास्थय बेहतर हो I शरीर में भले ही कोई रोग नहीं , फिर भी
वह कुछ चर्बी लाने के लिए, कुछ सेहत बनाने के लिए जरुरी कदम उठाये I अपना वजन
बढ़ाने का प्रयास करें I खान-पान में तबदीली करे I पौष्टिक आहार बढ़ाए I शरीर को
पुष्ट व रोबीला बनाने का प्रयत्न करे I पर्सनालिटी निखर जाएगी हीन भावना का
नामोनिशान नहीं रहेगा I हालातों का सामना करना आसान हो जाएगा अपने सामने वाले को
बातचीत तथा व्यक्तित्व से प्रभावित कर पाएंगे I
सूझ-बुझ की आवश्यकता
दुबला आदमी डरता रहे I भयभीत बना रहे I किसी काम में हाथ न डाले
I किसी का सामना न करे I यह तो उसकी गलती ही हैं I वह सूझबुझ से काम ले I मौका
संभाले I एक तरफ हीन-भावना त्याग कर अपने कामों में लग जाए और अपने कर्तब्यों को
हिम्मत के साथ निपटाए I दूसरी तरफ, वह अपने शरीर में वृद्धि करे I भार बढ़ाने का
प्रयत्न करे I सूझ-बुझ से काम लेते हुए अपने भोजन में तब्दीली करे, जिससे शरीर पर
कुछ चर्बी, कुछ मांस चढ़ने लगे I यदि ऐसा पतला व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की वृद्धि कर
प्रोग्राम बनाकर चलेगा, उसके अनुरूप कदम उठाएगा, तब सेहत बनेगी ही I
प्रोटीन की कमी न हो
प्रोटीन की कमी न होने पर शरीर की पेशियाँ कमजोर बनी रहती हैं I
यदि ऐसा हो तो शरीर पर मांस नहीं चढ़ता I दुबलापन दूर नहीं होता I ऐसा व्यक्ति अपने
भोजन में प्रोटीन तत्त्व की अधिकता रखे I सामान्य व्यक्ति से अधिक, तभी पतलापन
हटेगा I
पतला व्यक्ति शक्तिहीन भी होता हैं I जब तक सामान्य देह वाला
नहीं होता, उसे बड़ी कठिनाइयां झेलनी पड़ती हैं I
प्रथम आवश्यकता
हमारे शरीर के लिए प्रोटीन
बहुत जरुरी हैं I प्रोटीन की कमी बनी रहेगी तो दुबलापन भी बना रहेगा I यदि अपने
आहार में प्रोटीन्स काफी बढ़ा ले तो दुबला होने के कारण भी खत्म हो जाता हैं I यदि
व्यक्ति मंशाहरी हो सके और मोटा होने के लिए भोजन में ज्यादातर प्रोटीन शामिल कर
सके तो शरीर पर यक़ीनन मांस चढ़ेगा I शरीर में भराव हो, शरीर में शक्ति बनी रहे इसके
लिए अपने भोजन में अंडा, मांस, मछली, दही, दूध की मात्रा बढ़ा दे I अवश्य शरीर भरने
लगेगा I पतलापन हटता जायेगा I
शाकाहारी के लिए
यदि आप किन्ही कारणों से
मांस आदि नहीं खा सकते I पतला होने पर भी शाकाहारी बने रहना चाहते हैं तो अपने
भोजन में दूध, दही, पनीर, मक्खन, देसी घी, छाछ, सोयाबीन का दूध तथा सोयाबीन से बने
पदार्थों की अधिकता कर दे I सोयाबीन इस समय सस्ता, सुलभ, हर एक की पहुँच में हैं I
इसके लाभ भी बड़े हैं I जीतनी भी दाले है, फलियाँ हैं या अनाज हैं, उनमे से सोयाबीन
सबदे अधिक प्रोटीन उपलब्ध रहते हैं I
सोयाबीन
सोयाबीन की सेवन से हमारी
प्रोटीन्स की कुल आवश्यकता का चालीस प्रतिशत प्रोटीन मिल जाता हैं I अनाजों का यदि
मुकाबला करें तो चांवल से पांच गुना तथा गेंहू, दालों व अन्य अनाजो से दो गुना
प्रोटीन हमें सोयाबीन से मिल जाते हैं I अतः पतला व्यक्ति सोयाबीन से दोस्ती करे I
इसको विभिन्न प्रकारों से, विभिन्न रूपों
में खाता रहे I शरीर भरेगा I पतलापन खत्म होगा I मोटापा आता दिखेगा I मतलब हल हो
जायेगा I
क्या हैं सोयाबीन में ?
सोयाबीन को क्यों उत्तम
माना गया हैं I प्रोटीन की दृष्टी से इसे सर्वश्रेष्ठ क्यों माना गया हैं I सोयाबीन
में –
1.
एमिनो एसिड्स होते हैं I
2.
ग्लिसरीन विशेष रूप से होता हैं I
3.
ट्रायप्टोफेन भी रहता हैं I
4.
लायसीन भी हैं सोयाबीन में I
सच्चाई तो यह हैं की
सोयाबीन से प्राप्त होने वाले प्रोटीन्स किसी भी जान्तव प्रोटीन से कम नहीं I
यदि यह सस्ती सोयाबीन महंगे
जान्तव प्रोटीन की समानता कर सकता है, तब तो हर शाकाहारी तथा
मांसाहारी को अपने धन का
अपव्यय रोकते हुए सोयाबीन को किसी-न-किसी प्रकार से लेते रहना चाहिएI
और क्या सेवन करे दुबला
व्यक्ति
जान्तव प्रोटीन तथा सोयाबीन आदि के अतिरिक्त निम्न
खाद्य-पदार्थो को अच्छी मात्रा में खाता रहे I इनमे भी काफी प्रोटीन हैं I दुबले
व्यक्ति को मोटा करने में सक्षम है-ऐसा व्यक्ति मीठा भी खूब खाए I मोटापा आएगा I
1.
शकरकंद, 2. मक्का, 3. गेंहू, 4. बाजरा, 5. काजू,
6. बादाम, 7. अखरोट, 8. मुंग की
दाल, 9. ज्वार, 10. जौ, 11.
कच्चे चांवल, 12. भुनी हुई मूंगफली, 13. उड़द की दाल, 14. चना, 15. आलू, 16.
नारियल, 17. तिल आदि I इन सब में काफी प्रोटीन हैं I पतला आदमी सदा पेट भरकर खाए I
मांस-चर्बी बढ़ती जाएगी I
और क्या कारण
दुबला होने का मुख्या कारण
तो अनाज ही हैं I हम इन चीजो कल वर्णन कर चुके हैं, उनमे यह भी देखना है कि हमारे
भोजन में चर्बी तथा कर्बोहाइड्रेट्स की कमी ना आये I यदि इन दो की कमी बनी रहेगी
तो दुबलापन भी बना रहेगा I शरीर भी कमजोर रहेगा I परिश्रम वाला थोडा-सा कार्य भी
नहीं कर पाएंगे I
जच्चा के लिए
महिलाये बच्चा जनने के बाद
तो काफी कमजोर, दुर्बल, पतली होती जाती हैं I रंग पीला रहने लगता हैं I ऐसी नारी
अपने भोजन में विशेषकर ये लें- (1) हरीरा, (2) बुरा, (3) घी, (4) मेवे I इनको
मिलकर लड्डू बनाकर सुबह-शाम खाया करे
तो कमजोरी दूर होगी I शरीर मजबूत होगा I
चहरे का पीला रंग खत्म होगा I बच्चे को दूध पिलाना आसन होगा I बच्चा भूखा नहीं
रहेगा I अपने छोटे-छोटे काम जच्चा के लिए कर पाना आसन होगा I वह दुसरो पर कम
निर्भर रहने लगेगी I
भागदौड़ कम करें
मोटा व्यक्ति भी इसलिए मोटा होता है, क्योकि वह खाता अधिक हैं,
कमाता कम हैं I कम कार्य करने से अधिक आराम करने से मोटापा आता हैं I ऐसा व्यक्ति
अदि अधिक भागदौड़ करने लगे तो उसका मोटापा कम होगा I मगर यहाँ हमारी समस्या
दुबलापन, पतलापन हैं I हम मोटापा की ओर बढ़ना चाहते हैं ताकि शरीर भी संगठित भी लगे
और व्यक्तित्व भी निखरे I ऐसा व्यक्ति जो शरीर पर मांस लाना चाहता है अधिक भागदौड़
से बचे I ऐसा न हो कि वह जितना खाए, उतना खर्च कर दे I संग्रह करने को कुछ बचे ही
नहीं I संग्रह किया जायेगा तभी तो चर्बी बढ़ेगी I
खाते तो, हैं फिर भी दुबले
कुछ लोगो की यह भी समस्या
हैं कि वे पेट-भरकर खूब खाते हैं I मगर दुबलापन ज्यो का त्यों बना रहता हैं I
वास्तव में वे वैसा नहीं खाते, जैसा शरीर में भराव लेन के लिए चाहिए I कोई केवल
मेवे, घी, दूध तो ले मगर हरी सब्जियों, फलो को भूल जाये तब तो शरीर में दुबलापन ही
रहेगा I
अधिक तलना-पकाना
भोजन खूब स्वादिष्ट बने I उसमे खूब मिर्च-मसाले हो I उबला हो,
तला हो, भुना हुआ हो ताकि अधिक स्वादु हो जाये I यह बिलकुल गलत है I कहने को तो
हमने अमुक पदार्थ खाया I मगर उसको अत्यधिक पकाने से वह जो निर्जीव हो चूका हैं
हमें कुछ भी देने के योग्य नहीं, इस बात से हम बेखबर रहकर भोजन की पौष्टिकता खत्म
कर बैठते हैं I बस खानपान और पकाने के ढंग बदले I शरीर में इच्छानुसार भराव होगा
और आपका व्यक्तित्व भी निखर उठेगा I
जहाँ शरीर का अधिक मोटापा बुरी चीज़ हैं, वही शरीर का अधिक दुबलापन भी गलत I कोशिश से सुधर संभव हैं I