लू लगने' तथा 'चक्कर आने' पर स्वयं करें उपचार

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 'लू लगने' तथा 'चक्कर आने' पर स्वयं करें उपचार

लू लगना



गर्मी के मौसम में ही लू का प्रकोप रहता है। जिनका शरीर नाजुक होता है तथा उन्हें धूप में, भरी दोपहरी में जाना पड़ता है, उन्हें तू घेर लेती है। इससे बेहद बेचैनी रहती है। कभी-कभी चक्कर आ जाते हैं। कोई बच्चा, बड़ा या पुवती चक्कर खाकर सड़क पर ही गिर जाता है। वेसुध हो जाता है तो कोई घर या ठिकाने पर पहुँचकर बेसुध हो जाता है। लू लगने के आसार ही न बनने दें। यदि लू लग भी जाए तो इसका घरेलू इलाज संभव है। आसानी से हो सकता है। थोड़ी-सी कोशिश कर आप लू के रोगी को ठीक कर सकते हैं।


नींबू-पानी


यदि लू लग जाए तो पानी का एक गिलास लें। इसमें नींबू निचोड़ें। इसमें दो चम्मच

पिसी मिश्री भी लें। इसे मिलाकर रोगी को पिलाएँ। यदि फ्रिज या घड़े का ठंडा पानी हो तो और भी जल्दी आराम मिलेगा। वर्क का प्रयोग न करें तो अच्छा।


पानी से स्पंज तथा पानी सेवन


1. लू लगा व्यक्ति यदि सामान्य पानी बार-बार पीता रहे तो लू का प्रभाव कम

होगा।

2. यदि लू का प्रभाव बहुत अधिक हो तो रोगी को ताजा पानी के साथ दो-तीन

बार स्पंज करें। उसे बहुत आराम मिलेगा।


धनिया का पानी


गर्मी के दिनों में लू लगने की संभावना बनी रहती है। अतः बचाव में ही बचाव है, का विचार मन में रखते हुए धनिया को पानी में भिगोते रहें। कुछ घंटों बाद इसे मथकर,पानी छानकर, भीव शक्कर, चीनी, मित्री, कुछ भी मिलाकर पिला दें। दिन में दो बार इस यराक को लेते रहे। लू न लगे इसलिए तो इसे पीना ही है, लू लग जाए तो भी इसे पी सकते हैं।


इमली का पानी


गर्मी लग जाए, तू का प्रकोप हो जाए, ऐसे में इमली को घंटा-भर भिगोएं। फिर इसे

अच्छी प्रकार मलें। इसका असर पानी में आ जाए। इसे छानकर, कुछ और पानी डालकर रोगी को पिलाएँ। आराम पाएगा।


इमली का गूदा


इमली के गूदे को पाँव तथा हाथों के तलयों पर मलने से गर्मी निकल जाती है। तू का प्रभाव खत्म हो जाता है। यह सस्ता तया आसान तरीश है।


तुलसी के पत्तों का रस


तुलसी के पत्तों का रस निकालें । इसे पानी में मिलाएं। मियी या चीनी स्वादानुसार मिलाएँ। इसे पीने से तू का प्रभाव खत्म होता है। यदि चक्कर आते हो तो, तुलसी का रस ब्ड़ा लाभकारी है।


शहतूत का सेवन


लू, गर्मी का प्रभाव ख़त्म होने के लिए शहतूत को धोकर सेवन करें। यदि शहतूत का रस मिल सके तो एक कप रस, एक कप पानी डालकर पी लें। बड़ा आराम मिलेगा।


प्याज़ का सेवन


1. लू लगी होने पर, गर्मी से बचने के लिए प्याग को अपने खाने में सम्मिलित

करें। भोजन के साथ कच्चा प्याज साना शुरू करें।

2. एक कच्चा प्याज, नमक, नींबू का रस डालकर नियमित अलग से खाएँ। भोजन

के साथ प्याज खाने से अलग ही।

3. एक कच्या डोटा प्याज़ छीलकर जेब में रखें जब जाएं गर्मी में। काफी आराम मिलेगा 


प्याज़ का रस


1. प्याज का रस आधा कप निकालकर पीने से आराम मिलता है। गर्मी तथा

लू का प्रभाव बीक होता है।

2. प्याज का रस निकालकर छाती पर मलें। कनपटिनों पर मलें। इससे तू का

प्रभाव खत्म होता है।


लू सगने पर


यदि किसी को लू लग जाए तो उसे निम्नलिखित सभी या कुछ क्षण परेशान करेंगे 1. मुंह सूखेगा। अधिक प्यास लगेगी। ज़बान सूखी रहेगी।

2. चक्कर आने लगेंगे।

3. दित पवराएगा। पबराहट लगेगी। बेआरामी लगेगी।

4. पसीना आने लगेगा। माथे पर, होली पर, पाँव के तलवों पर...सब ओर पसीना

आने लगेगा।

5. रोगी हर प्रकार से असहज महसूस करेगा।


इन सब का उपचार

1. ऐसे रोगी को कैरी की छाछ पिलाने से उसे बहुत जल्दी लाभ होगा।

2. कैरी की छाक बनाने का तरीका

बड़ी करी-एक अदद लें।

इस कैरी को उबालें।

चाहें तो बैंगन की तरह इसे सेंके। जैसे बैंगन का मुर्ता बनाने के लिए

सेंकना पड़ता है, वैसे ही सेंकें।

इसे कुछ देर ठंडे पानी में रखें। केरी उचाली हो या सेंकी गई। आधा-पीना

घंटा ठंडे पानी में ज़रूर रखें।

ठंडे पानी से निकालकर इसके छिलके उतारें।

अब छिली हुई कैरी को भली प्रकार मथ लें।

इसके मधे हुए गूदे में डालें-(i) गुड़, (ii) धनिया, (ii) नमक,

(iv) जीरा, (v) काली मिर्च पिसी हुई।

वह सब डालने के बाद फिर से मः।

इसमें पानी डालकर घोल लें। यही कैरी की लस्सी है।

दिन में तीन बार, 4-1 घंटों बाद, एक-एक कप इस कैरी की लस्सी

को रोगी को पिलाएँ। उस पर से गर्मी तथा लू का पूरा प्रभाव उतर जायगा


चक्कर आना

हमें चक्कर किसी भी कारण से आ सकते हैं। यह गर्मी के कारण, लू लग जाने के कारण या कमज़ोरी होने के कारण भी आ सकते हैं। कभी घबराहट होना, दिल घबराना भी इसका कारण बन सकता है। किसी सबै रोग से उठने के कारण, दवाइयों के अधिक सेवन के कारण, अचानक भय की स्थिति हो जाने के कारण भी यक्कर आ सकते हैं। इन चक्करों को रोकने, चक्कर आ जाने पर उभरने, चक्कर के प्रभाव को खत्म करने के लिए घरेलू उपचारों पर निर्भर होना बहुत ही संभव है। रोग से छुटकारा पाने के कुछ साधन, कुछ उपचार यहाँ दिए जा रहे हैं।


आँवले का शर्बत्

गर्मियों में चक्कर आ जाना आम बात है। जरूरी नहीं कि कमजोर व्यक्ति ही हो, लू

व गर्मी का प्रभाव किसी को भी हो सकता है। आंवले का शर्यत इस तकलीफ से छुटकारा दिलाता है। इसका पान करना चाहिए। यह गर्मी के कारण होने वाली घबराहट को भी खम करता है।


धनिया का ताज़ा शर्बत

जब कभी सिर में चक्कर आते हो वा ऐसी संभावना भी बने तो धनिया का सहारा लें। धनिया तीन चम्मच, पानी एक गिलास, दोनों को अच्छी तरह उबालें। नीचे उतारें। इसमें स्वादानुसा रशक्कर या मिश्री मिलाएँ। ठंडा होने पर रोगी को पिलाएँ। आराम मिलेगा।


धनिया व शक्कर


चक्कर आने की प्रवृत्ति बन जाए तो एक चम्मच धनिया तवा इतनी ही शक्कर लेकर, इक़ट्ठी चवाएँ। इससे दिल को ताकत मिलेगी। चक्कर नहीं आया करेंगे।


मुनक्का तथा सेंधा नमक


चक्कर आने की दशा में या ऐसी प्रवृत्ति बन जाने पर, अधिक घबराएँ नहीं। बल्कि पांच दाने मुनक्का की से। बीज निकालें। इसे पहले घी में थोड़ा सेंक लें, फिर बीज निकाले। सेंधा नमक डालकर इसे रोगी को खिलाएँ। चक्कर नहीं 


तुलसी का रस


चक्कर छोटों को आ रहे हो या बड़ों को, चक्कर महिलाओं को आ रहे हों या पुरुषों

को, सबके लिए तुलसी का रस बड़ा लाभकारी रहता है। तुलसी के ताज़ा पने से। इन्हें घोएँ। इनका रस निकारों। 31 पते तक ले सकते हैं। अब इसके रस में आवश्यकतानुसार

मिश्री मिलाएँ। बच्चों को तो एक से डेढ़ चम्मच से शुरू होकर बड़ों को आधा कप तक ऐसा रस पिलाया जा सकता है। यह चक्कर लाने की प्रवृत्ति को समाप्त कर देता है।


काली मिर्च से बना हलुवा


यदि किसी को अक्सर चक्कर आने की शिकायत रहती हो तो इसके लिए हलुवा तैयार करें। इसके लिए काली मिर्च ।। दाने मोटी-मोटी कूट लें। इसे पीसना नहीं। फूटना ही है। इसे दस चम्मच देशी घी में तलें। मिर्च और धी को जानकर अलग करें। इस घीमें आटा भूनकर हनुषा बनाएँ। आवश्यकतानुसार शक्कर डाले। फिर तली हुई काली मिर्च । का चूरा इस हलुवा में मिलाकर रखें। आधा प्रातः आधा शाम दोनों समय के भोजन के बाद रोगी खा ले। कुछ दिनों तक इस उपचार को जारी रखें। चक्कर आने वाली बात खत्म होगी। पूरी तरह आराम मिलेगा।

हम जान गए हैं कि लू लगने तथा चक्कर आने की समस्या को हम घरेलू उपचारों

से कैसे नियंत्रण में रख आराम पा सकते हैं। ये सभी आसान भी हैं। लाभ उठाएं।


धन्यवाद  Gk Ayurved




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